आसमान मेहरबान हो रहा है.....प्रकृति अपने औदात्य से सौन्दर्य के संसार की रचना कर रही है .....सुनहरी सुबह धुंधली हो गई सूरज को बादलों ने कैद कर दिया है...और पुरे आसमान पर धमाचौकडी मचाए हुए है....बादलों और सूरज के बीच मोहब्बत का रूठने मनाने और छेड़-छाड़का मौसम है .... इस मौसम ने लिहाफ का गुनगुनापन भला लग रहा है..... ऐसे में सुबह का आगाज़ बूंदों के छमछम ने नींद गायब कर दी कोफी के प्याले के साथ एक बारगी विचार आया कि ये दुनिया घंटे दो घंटे ठहर क्यों नहीं जाती .........हम अपने साथ आ जाए और अहसास ऐ दुनिया गुम हो जाए ...... मगर हाय ये किस्मत आंगन में धप की आवाज़ हुई और हाथ कांपा.... कोफी छलकी ...... आज का अखबार सामने था .....
कबीर ने समझ कर हमें भी समझाया कि माया महाठगिनी.....मगर हम समझ कर भी नहीं समझे....अखबार में छपी ३ ख़बरों ने दिमाग के गोदाम में हलचल मचा दी.....१. मुंबई की घटना पर भारत-पाक के बीच बेवजह की और बेनतीजा आरोप-प्रत्यारोप....२. इस्राइल का गाजा पर हमला और ३. सत्यम का असत्यम.....हाँ इसी में कही मुंबई को हादसें के बाद इस शहर की पड़ताल भी करेंगे...... मगर आज नही....
जारी रखिये पड़ताल-शुभकामनाऐं.
ReplyDeleteकोफी के प्याले के साथ एक बारगी विचार आया कि ये दुनिया घंटे दो घंटे ठहर क्यों नहीं जाती।
ReplyDeleteहमने भी कई बार कहा था पर ये दुनिया है कि सुनती ही नहीं।
स्वागत्म् हिन्दी चिट्ठाकारी के संसार में! आशा है आप अपने राजनीतिक ज्ञान का भारत के सन्दर्भ में प्रयोग करते हुए ज्वलन्त मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करती रहेंगी। भारत (और विशेषकर उर्दू, और कुच हद तक उसके संसर्ग से ग्रसित हिन्दी) को यह बात समझना बहुत जरूरी है कि ' और भी गम हैं जमाने में मुहब्बत के सिवा.."
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ReplyDeleteबहुत सुंदर...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
ReplyDeleteब्लोगिंग की दुनिया में आपका स्वागत है. मेरी कामना है की आपके शब्दों को नई ऊंचाइयां और नए व गहरे अर्थ मिलें और विद्वज्जगत में उनका सम्मान हो.
ReplyDeleteकभी समय निकाल कर मेरे ब्लॉग पर एक नज़र डालने का कष्ट करें.
http://www.hindi-nikash.blogspot.com
सादर-
आनंदकृष्ण, जबलपुर.
स्वागत है आपका और उम्मीद है कि लेखन जारी रहेगा।
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