05/02/2009

सीने में जलन आँखों में तूफान सा क्यों है?

ना जाने क्या लावे सा बहता है....? एक बेचेनी.....एक छटपटाहट..... सुबह शाम एक उलझन .....लगातार एक जलन.... जीवन के रूटीन हो जाने के बाद की एकरसता ......सपनों को भोग लेने के बाद की नीरसता.... यदि सपनें टूटते है तो कम-से-कम उसकी किरचें तो होती है...लेकिन सपने पुरे होने के बाद....होता है खालीपन.....जीवन में क्या सच है....कमी या पूरापन....फिर पूरापन क्या है? आज जो पुरा लग रहा है क्या वो कल भी इतना ही पुरा लगेगा....या कल फिर से नई दौड़ होगी..? कभी-कभी यूँ लगता है कि जीवन में एक दर्द .....एक कमी...एक अभाव जरुरी है....कोई आकर्षण तो हो.... खुशी के बाद जो एक रीतापन होता है वह कमी के बाद नहीं होता है.... तकलीफ तो हमेशा कुछ होने का अहसास कराती है... खुशी की तरह नहीं कि आती है और रूटीन बन कर रह जाती है...दर्द से निजात के लिए लगातार के प्रयास होते है.... उससे निकलने के लिए तरह-तरह के उपाय.... हर दिन कि नवीनता....एक नया दिन ख़ुद से लड़ने...घायल होने और हार जाने के बाद फिर से खड़ा होने की ताकत जुटाने का न टूटने वाला क्रम.....सह कर सीखने और जीवन को सम्रद्ध करने और करते रहने का जूनून....तेज प्यास..... और तृप्ति के खवाब....लगातार चलती जद्दोजहद.....तभी तो अज्ञेय ने लिखा है कि दुःख माँजता है... और यकीनन वह माँजता है.... चमका कर सोना कर देता है.... और खुशी उथला कर देती है.... शायद इसीलिए कहा गया है कि दुःख के अहसास के बिना आई खुशी आदमी को दीमक की तरह खोखला कर देता है... सोचें कि उस राजा की तरह जिसे पैसों की इतनी हवस थी कि उसने इसके लिए तप किया.... और फिर उसे वरदान मिला कि वह जिस चीज पर हाथ रख देगा वह सोना हो जायेगी.....हमारे भी साथ हो जाए कि हम जो चाहे वह मिल जाए तो...... वक्ती तौर पर तो उपलब्धि होगी.... खुशी का अहसास होगा लेकिन.... फिर....? जीवन से सारे आकर्षण....सारी जद्दोजहद....प्रयास...उमंग... उत्साह सब कुछ काफूर हो जाएगा। जीवन में एक ही रंग होगा... एक ही सा अहसास और अपनी भाषा में कहें तो बोरियत होगी और होगी ऊब..... शायद तभी तो धर्मवीर भारती और शिवाजी सावंत जैसे विद्वानों ने अपूर्णता को जीवन की जरुरत माना है। तो संघर्ष है तो गति है....जीवन है....प्रवाह.....सृजन....रस....और अन्त में दुनिया है..... फिर...अधूरेपन को पुरे मन से सलाम....जीवन को रसमय और आकर्षक बनने के लिए....है या नहीं? आप बताएं

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